Threads of time...
Thursday, July 31, 2008
काश
कभी सिरहानों में चुप चुप रोता और हमको भी रुलाता
सामने जब आता तो ज्युओं पुरा मधुबन ही खिल खिल जाता
काश होता कोई कहीं जो हमको भी बेबाक अपने सिने से लगता
पौन्छ्ता उतराते आंसू इन् पलकों से और हौटों पे हँसी सजाता
धुन्दला ही सही पर वोह साया कभी तो कहीं दूर से आता नजर आता
जो था कल तक पराया वोह आज हमको अपनों से भी बड़कर अपनाता
जो मिल जाता वोह कहीं तो इस मन मन्दिर में खुदा का रुतबा पाता !
Labels: मेरा खुदा
A fairy
From ethereal spheres
Adorned in with hue of roses
Luvly smiles of venus
Affection of saintly moses
With soothing warmth in her heart
Here is a soul no one would wanna part
Capturing heart is an art
And she is the master
Of all tormented hearts !
Someone out there
Just noises of two hearts beating and wave's roar
Hand in hand walking on sand
From one edge of eternity to other shore
Sparkling golden endless sea below
Blue heavens adding color above
So many souls wandering on drifting sand
Between tormenting waves of tempest
Oasis of flora and fauna by sea shore
Enveloped in golden and white hues
There presides a golden mermaid
With sparkling eyes n brightest smiles
Her heart encompassing the depth of ocean
Holding within treasures untold
In the crowd she walks with gaiety
The most wonderful Soul !
Labels: The Golden Mermaid
उनका अहसास
वोह लम्हा बना ही नहीं जो आपको भूल्वा दे
देखते हैं झाँक कर जब अपने दिल के आईने में
सिर्फ़ एक ही अक्स नजर आय दूर दूर तक जमाने में
आप दूर हैं पर आपकी याद हर पल साथ है
इस सन्नाटे भी हर पल आपकी आवाज़ है
पढ जाते है अकेले जब कभी इस जहाँ की भीड में
तो आ जाता आपका आन्चल हमारे हाथ है
उनकी वोह जाने हमे तो हर पल उनके होने का एहसास है
इन् चलती हुई साँसों में कहीं उनके कदमों की आवाज़ है
वोह पलट कर देख लें तो आये दिल में करार है
वक्त थम जाए अगर वोह कह दें हमको तुमसे प्यार है
पलट के वोह देखे जो मूड कर चल दिए हों कहीं
हम तो आँखें बिछाये करते आपका इन्तेज़ार हैं
जो कहते हैं हम उसका स्त्रोत्र आपके पास है
सूरज हो आप और इस वीराने को इसका एहसास है
प्यार करते हैं आपसे बस और कुछ नहीं इस जिंदगी में खास है
तुम हो तो दिन है नहीं तो काली स्याह अंधेरे से भरी रात है
शायद आपके दिल को भी इतना तो आभास है.
Labels: उनकी याद
उनकी इंनायत
जो हमे फलक पे बैठा दिया
उनकी आँखों में देखा जब
तो अपना होश ही गवा दिया
ऑंखें हैं या समुन्दर की गहराई
उठती है जब ज्यौं ली चाँद ने अंगराइ
बहती नदी की निर्मलता है उन् में
और है जिंदगी की गहराई
बचपन की चपलता भी है
और है भविष्य की आशाएं
गुलाबों की पंखुरियों की मानिंद
जब खुलती हैं वोह अप्सरा
तो हो जाए हर तरफ़ उज्जला
Labels: वोह लायी उज्जला
उसकी आँखें
होठों पर जैसा आई सारे गुलिस्तान की बहार है
जब शर्माती है वोह तो गुलाबी आसमान से ज्युँ बरसता प्यार है
कोई शोला है या गुलफाम या कोई सब्ज़ परी है वोह
या फिर किस्सी की मन्नतों का हँसता खेलता उपहार है
Labels: वोह