Threads of time...

Sunday, September 9, 2007

इन्सान .....

जब इन्सान का दिल इन्सान के लिये रोता है,
जब इन्सान दुसरे के लिये आपनी नींद खोता है,
जब इन्सान दुसरे कि खुशी मै खुश होता है,
जब इन्सान आपने अहेंकार को दबा कर दुसरे के लिये जीता है,
उस इन्सान के दिल मै सिर्फ ओर सिर्फ खुदा हि रहता है,
जब इन्सान को इन्सान कि नज़रों मै गिरने का डर न हो,
जब सादगी और सच कि किमत अछाइ और बुरायी से ज्यादा हो,
जब जिन्दगि हर चीज से ज्यादा बेश किमती हो,
जहां गलतीयों को इनसानियत कि पौरि माना जाये
और खुशियों कि कोइ कमी ना हो,
सिर्फ हमसफर, हमरजगि और सानझि जिन्दगि हो,
खुदा वहां जरुर जमिन पर उतरता है,
वोह चादं सा चेहरा खुदा का दिल रखता है,
ओर उस दिल मै हर जहां क तिर्थ बसता है,
खुदा आसमाओं मै नहिं सिर्फ ऐसे दिलों मै बसता है,
उसको दुख देना जेहनूम का सिधा रासता है!

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posted by Nomade at 10:45 AM

1 Comments:

nice one...

September 11, 2007 at 11:53 AM  

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